BharatMereSaath Blog “एक स्वतंत्र साहित्यकार, जो मंचों पर आत्मसम्मान को रखती हैं बरकरार, मिलिए नीलम कुमार ‘बावरा मन’ से।”

“एक स्वतंत्र साहित्यकार, जो मंचों पर आत्मसम्मान को रखती हैं बरकरार, मिलिए नीलम कुमार ‘बावरा मन’ से।”



डॉ नीलम कुमार ‘ बावरा मन ‘ आज के समय में प्रसिद्ध कवयित्री हैं, साहित्य के मंच, लेखनी की बहुत अच्छी समझ के साथ साथ अपने घर डॉ नीलम कुमार ‘ बावरा मन ‘ आज के समय में प्रसिद्ध कवयित्री हैं, साहित्य के मंच, लेखनी की बहुत अच्छी समझ के साथ साथ अपने घर ग्रहस्त की पूरी देखरेख करना पूरे दायित्व के साथ अपना परम कर्तव्य समझती हैं। नीलम जी को बुलाने का उद्देश्य यही था कि हम उनसे आज की परिस्थिति के अनुसार साहित्य में बदलाव , साहित्य के उतार – चढ़ाव के बारे में जानें। भाषा शैली, लिखने की प्रेरणा, आज के मंचों पर महिलाओं का आचरण इत्यादि कई तरह की चर्चा की गई। आत्मसम्मान और आत्मविश्वास के प्रश्न पर उन्होंने सुरभि जी की सराहना करते हुए कहा कि आत्मसम्मान बहुत आवश्यक है।आप सभी को ये साक्षात्कार मन लगाकर देखना चाहिए। की पूरी देख रेख करना पूरे दायित्व के साथ अपना परम कर्तव्य समझती हैं। नीलम जी को बुलाने का उद्देश्य यही था कि हम उनसे आज की परिस्थिति के अनुसार साहित्य में बदलाव , साहित्य के उतार – चढ़ाव के बारे में जानें। भाषा शैली, लिखने की प्रेरणा, आज के मंचों पर महिलाओं का आचरण इत्यादि कई तरह की चर्चा की गई। आत्मसम्मान और आत्मविश्वास के प्रश्न पर उन्होंने सुरभि जी की सराहना करते हुए कहा कि आत्मसम्मान बहुत आवश्यक है।आप सभी को ये साक्षात्कार मन लगाकर देखना चाहिए।

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