BharatMereSaath Blog राधा जी और राधा जी का क्या संघर्ष था ?

राधा जी और राधा जी का क्या संघर्ष था ?



नमस्कार भारत मेरे साथ चैनल में आप सभी दर्शकों का स्वागत है। आज बात करेंगे एक ऐसी नारी की जिसको बचपन में ही उसकी माँ ने कह दिया था की कृष्ण ही तुम्हारे पति हैं। तो उसने कृष्ण की उसी उम्र में पत्नी हो गयी थी और किसी को अपने जीवन में किसी को आने नहीं दिया। और वो अपना घर चितौड़ छोड़ कर वृन्दावन की गलियों में डोली। कुछ लोग उन्हें पागल तो कुछ ने उन्हें दीवानी कहा। कुछ कवियों ने लिखा भी की द्वापर में कृष्ण राधा के प्रेम में थे तो कलयुग में मीरा कृष्ण की प्रेम में हो गयी।
””कृष्ण के प्रेम का राधा पर क़र्ज़ था ।
तो राधा का क़र्ज़ चूका गयी मीरा “”।।

वृन्दावन तो कृष्ण और राधा से मिलने तो सभी लोग जाते हैं लेकिन उन्ही की गलियों में मीरा भी रहती है उसके प्रेम को सभी लोग जानते हैं। लेकिन उनके जैसा प्रेम आज के समय में कोई नहीं करता है। वृन्दावन की गलियों में मीरा जी का मंदिर है उनके दर्शन के लिए उनकी भक्ति के लिए क्यों नहीं किसी का भाव नहीं रहता है।
आज बात करेंगे उनके मंदिर के एक ऐसे महान व्यक्ति से जिसकी कई पीढ़ी मीरा की भक्ति में लगा दिया है । बात करते हैं रूद्र प्रताप सिंह जी से …………………………………।

प्रश्न :- मीरा जी का जो मंदिर प्रागंण है इसका इतिहास क्या है ?
उत्तर:- ये जो स्थान है आज से लगभग ५०० वर्ष पूर्व का है जब चित्तोड़ से मीरा जी इस ब्रज में पधारी थी तो यही स्थान उनका घर है। आप दर्शन करेंगे की जब आप मंदिर में आते हैं तो एक हाँथ पर मीरा जी की कुटी है जहाँ मीरा जी विश्राम करती थी और मंदिर में आप दर्शन करेंगे तो सबसे ऊपर के सिंघासन पर बीच में जो गिरधर गोपाल जी विराजमान हैं। जो मीरा जी द्वारा स्थापित और सेवित ठाकुर जी है। जिनके लिए मीरा जी कहती हैं।
“मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई।
जाके सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई,
तात मात भ्रात बंधु, आपणो न कोई।”

और उसे निचे के सिंघासन पर जो शालिग्राम जी हैं जब मीरा जी को मारने के लिए जो राणा सा ने पिटारी भेजी थी सांप की और उसमे सांप शालिग्राम बन गया था क्यूंकि मीरा जी ने शालिग्राम के भाव से देखा तो उसी भाव में वो दिखे। शालिग्राम को यदि आप ध्यान से देखे गए तो गिरधर गोपाल जी की छवि नजर आये गी।।

प्रश्न :- मीरा जी जैसी स्त्रियों का सबसे बड़ा संघर्ष क्या है? आज के समय में !

उत्तर:- आज भी स्त्रियों के लिए सबसे बड़ा संघर्ष समाज ही है। जो मीरा जी के समय था ज्यादा परिवर्तन नहीं आया है। क्यूंकि आज भी मीरा जी अगर वृन्दावन में डोलेंगी तो दस लोग दस बातें करेंगे आप ठाकुर जी को अपने साथ लेकर ढ़ोलो तो लोगो कुछ न कुछ जरूर कहें गे की देखो तमाशा कर रहे हैं लेकिन जब मीरा जी ने यह पूर्ण रूप से ठाकुर जी को पाया है। तो दूसरा कोई कुछ भी कहे उनको कोई फर्क नहीं पड़ता है। मीरा जी दीवानी थी और उनके जो पीटीआई हैं प्रेम परमेश्वर है।।

प्रश्न :- जब कृष्ण जी राधा जी को छोड़ कर जाते हैं तो उनका संघर्ष क्या है ?
उत्तर:- सबसे पहली बात ये है की ब्रज में कोई पुरुष है ही नहीं। जब मीरा जी ब्रज में आयी थी तो एक संत के दर्शन करने गई थी। और हमारे शाश्त्र भी कहते हैं की स्त्रियां के दर्शन संत नहीं करते हैं। सिर्फ वो ही नहीं काफी संत स्त्रियों के दर्शन नहीं करते हैं। जब मीरा जी संत के दर्शन को गई तो उनके शिष्यों ने ही बता दिया की महाराज जी दर्शन नहीं करेंगे। क्योकि वो स्त्रियों के दर्शन नहीं करते हैं। ये सुन कर मीरा जी कहा की ब्रज में तो सिर्फ एक ही पुरुष है कैन्हया ये दूसरा पुरुष कोण आ गया है। ब्रज में । क्यूंकि जब महादेव भी ब्रज में आये थे तो उन्होंने गोली रूप धारण किया था उसके बाद वो गोपेश्वर महादेव कहलाये थे ये बात कह कर मीरा जी अपने आश्रम में आगयी जब ये बात उन संत को पता लगी की मीरा जी ये कह कर गई तो संत उनके दर्शन के लिए खुद चल कर आये थे उनकी कुटी में। क्यूंकि कृष्ण के दर्शन पाने के लिए प्रेम भाव चाहिए।
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