BharatMereSaath Blog नारी शक्ति क्या है ? स्त्रियों की स्वतंत्र कितनी महत्वपूर्ण हैं ?

नारी शक्ति क्या है ? स्त्रियों की स्वतंत्र कितनी महत्वपूर्ण हैं ?



प्रश्न:- मिंटू शर्मा अपना योगदान किन किन क्षेत्रों में देती हैं?
उत्तर:- मिंटू शर्मा जी एक आहार विशेषज्ञ हैं वो मुजफ्फरपुर की रहने वाली हैं। लेकिन ये अपने काम को लेकर पूरे भारत में भ्रमण करती रहती हैं। मिंटू शर्मा जी कई संस्थानों से भी जुडी हुयी हैं जिसमे वो बिना किसी हित के अपना पूरा योगदान देती हैं वो पंजाब की एक संस्था जो रक्त दान का कार्य कर रही है जो पूरे भारत में मुफ्त में रक्तदान देने का काम करती हैं। और इसके बाद वो कई अनाथालय से भी जुडी हैं। और मिंटू शर्मा जी अपने सभी क्षेत्रों पूरी सक्रीय रहती हैं। और इन्हे जो नवजात शिशु अस्पताल में या उसके बहार, रास्ते में कही पर भी अनाथ बच्चे इनको मिलते हैं तो वो अपने अनाथालय काशी में या देश के और भी आश्रमों में उन्हें रखती हैं और उन बच्चो के शिक्षा दीक्षा खाने पीने और उनकी शादी का पूरा ध्यान देती हैं मिंटू शर्मा जी।। इसके साथ ही ये गरीब परिवार की लड़कियों की शादी में भी सहयोग देती हैं।।।

प्रश्न :- नारी शक्ति की परिभाषा क्या है?
उत्तर :- मिंटू शर्मा कहती हैं की जब आप एक नारी होकर देश के कल्याण की भावना को सोचती हैं तो आप वो नारीशक्ति है एक आम महिला जो है वो इसके बारे में सोच ही नहीं सकती है क्युकी वो अपने आपको पहले ही समझ क्र बैठ जाती जाती है कि मै आवला हूँ।
लेकिन ये सत्य नहीं है नारी कभी भी अवला नहीं होती है बीएस अपने आप अपने ह्रदय में जो नारी बैठी हुयी है उस नारी शक्ति को जागृत कर लेना है फिर आप देखे गी कि आप कुछ भी न हो कर आप सब कुछ हैं इस भारत देश के लिए।। और बहोत से लोगो का आप भला भी कर सकती हैं।। मिंटू शर्मा जी कहती हैं कि नारीशक्ति भारत कि आत्मा है।। जब एक नारी लोगों के लिए भला करने लगती है अपने परिवार को चला कर पूरे समाज का कल्याण करती है उनसे बढ़कर के नारी शक्ति कोई भी नहीं है।

प्रश्न :- स्त्रियों की समाज में स्वतंत्रता क्या है ? और उसकी सीमाएं क्या हैं ?
उत्तर :- इस नई पीढ़ी के लिए स्वतंत्र क्या है? नारियों की। आजकल की लड़कियों जो सोचती हैं कि हम स्वतंत्रता होना चाहते हैं कि घर परिवार से मिंटू शर्मा बताती हैं कि यदि आप स्वतंत्रता होना चाहे गे तो आपका जीवन जो है वो ख़त्म हो जाये गा नारी कि स्वतंत्र का ये महत्त्व है कि वो अच्छे से संस्कार और शिक्षा दीक्षा को ग्रहण करें और एक लड़की कि सुंदरता उसके शरीर ढकने से है न की नग्न होने में।। और वो कहती हैं कि स्त्रियों और परुषो का जो महत्त्व वो विवाहित होने के बाद है न कि अविवाहित होने में कोई प्रधानता नहीं होती है|

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